मुक्तिका:
बोलना था जब
Photo by Real Cowboys Drive Cadillacs
बोलना था जब, तभी लब कुछ नहीं बोले
बोलना था जब नहीं, बेबात भी बोले
बोलना था जब नहीं, बेबात भी बोले
काग जैसे बोलते हरदम रहे नेता
ग़म यही कोयल सरीखे क्यों नहीं बोले?
ग़म यही कोयल सरीखे क्यों नहीं बोले?
परदेस की ध्वजा रहे फ़हरा अगर नादां
निज देश का झंडा उठा हम मिल नहीं बोले
निज देश का झंडा उठा हम मिल नहीं बोले
रिश्ते अबोले रिसते रहे बूँद-बूँद कर
प्रवचन सुने चुप सत्य, सुनकर झूठ क्या बोले?
प्रवचन सुने चुप सत्य, सुनकर झूठ क्या बोले?
बोलते बाहर रहे घर की सभी बातें
घर में रहे अपनों से अलग कुछ नहीं बोले
घर में रहे अपनों से अलग कुछ नहीं बोले
सरहद पे कटे शीश या छाती हुई छलनी
माँ की बचाई लाज, लाल चुप नहीं बोले
माँ की बचाई लाज, लाल चुप नहीं बोले
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