पूनम से आमंत्रण पाकर,
ज़रा-ज़र्रा बना सितारा...
पैर थक रहे
तो थकने दो.
कदम रुक रहे
तो रुकने दो.
कभी हौसला
मत चुकने दो.
गिर-उठ-बढ़
ऊपर उठने दो.
एक दिवस देखे प्रयास यह
हर मंजिल ने विहँस दुलारा...
जितनी वक़्त
परीक्षा लेगा.
उतनी हमको
शिक्षा देगा.
नेता आकर
भिक्षा लेगा.
आम नागरिक
दीक्षा देगा.
देखेगा गणतंत्र हमारा.
सकल जगत ने उसे दुलारा...
असुर और सुर
यहीं लड़े थे.
कौरव-पांडव
यहीं अडे थे.
आतंकी मृत
यहीं पड़े थे.
दुश्मन के शव
यहीं गडे थे.
जिसने शिव को अंगीकारा.
उसी शिवा ने रिपुदल मारा...
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शनिवार, 25 अप्रैल 2009
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