दिव्य सूर्य-रश्मियाँ,
भव्य भाव भूमियाँ...
श्वास-आस दायिका,
रास-लास नायिका।
त्रास-ह्रास हरंकर-
उजास वर प्रदायिका।
ज्ञान-ध्यान-मानमय
सहज-सृजित सृष्टियाँ...
कमलनयन ध्यायिका,
विशेष शेष शायिका।
अनंत-दिग्दिगंत की,
अनादि आख्ययिका।
मूर्तिमंत नव बसंत
कंत श्याम तामिया...
गीत-ग़ज़ल गायिका,
नवल नाद नायिका।
श्रवण-मनन-सृजन-कथन,
व्यक्त व्याख्यायिका।
श्रम-लगन-समर्पण की-
चाह-राह दामिया...
सतत-प्रगत धाविका,
विगतागत वाहिका।
संग अपार 'सलिल'-धार
आर-पार नाविका।
रीत-गीत-प्रीतपरक
दृष्टादृष्ट दृष्टियाँ...
प्रणय-गंध सात्विका
विलय-बंध प्राप्तिका।
श्वास-रंध्र आपूरित-
मलयानिल आप्तिका।
संचारित-सुविचारित
आचारित ऊर्मियाँ
*****
शनिवार, 29 अगस्त 2009
बुधवार, 26 अगस्त 2009
नव गीत: जिनको कीमत नहीं समय की -आचार्य संजीव 'सलिल'
नव गीत:
आचार्य संजीव 'सलिल'
जिनको कीमत नहीं
समय की
वे न सफलता
कभी वरेंगे...
*
समय न थमता,
समय न झुकता.
समय न अड़ता,
समय न रुकता.
जो न समय की
कीमत जाने,
समय नहीं
उसको पहचाने.
समय दिखाए
आँख तनिक तो-
ताज- तख्त भी
नहीं बचेंगे.....
*
समय सत्य है,
समय नित्य है.
समय तथ्य है,
समय कृत्य है.
साथ समय के
दिनकर उगता.
साथ समय के
शशि भी ढलता.
हो विपरीत समय
जब उनका-
राहु-केतु बन
ग्रहण डसेंगे.....
*
समय गिराता,
समय उठाता.
समय चिढाता,
समय मनाता.
दुर्योधन-धृतराष्ट्र
समय है.
जसुदा राधा कृष्ण
समय है.
शूल-फूल भी,
गगन-धूल भी
'सलिल' समय को
नमन करेंगे...
***********
आचार्य संजीव 'सलिल'
जिनको कीमत नहीं
समय की
वे न सफलता
कभी वरेंगे...
*
समय न थमता,
समय न झुकता.
समय न अड़ता,
समय न रुकता.
जो न समय की
कीमत जाने,
समय नहीं
उसको पहचाने.
समय दिखाए
आँख तनिक तो-
ताज- तख्त भी
नहीं बचेंगे.....
*
समय सत्य है,
समय नित्य है.
समय तथ्य है,
समय कृत्य है.
साथ समय के
दिनकर उगता.
साथ समय के
शशि भी ढलता.
हो विपरीत समय
जब उनका-
राहु-केतु बन
ग्रहण डसेंगे.....
*
समय गिराता,
समय उठाता.
समय चिढाता,
समय मनाता.
दुर्योधन-धृतराष्ट्र
समय है.
जसुदा राधा कृष्ण
समय है.
शूल-फूल भी,
गगन-धूल भी
'सलिल' समय को
नमन करेंगे...
***********
सदस्यता लें
संदेश (Atom)