शनिवार, 25 अप्रैल 2009

nav geet: ज़रा-ज़र्रा बना सितारा...

पूनम से आमंत्रण पाकर,

ज़रा-ज़र्रा बना सितारा...

पैर थक रहे

तो थकने दो.

कदम रुक रहे

तो रुकने दो.

कभी हौसला

मत चुकने दो.

गिर-उठ-बढ़

ऊपर उठने दो.

एक दिवस देखे प्रयास यह

हर मंजिल ने विहँस दुलारा...

जितनी वक़्त

परीक्षा लेगा.

उतनी हमको

शिक्षा देगा.

नेता आकर

भिक्षा लेगा.

आम नागरिक

दीक्षा देगा.

देखेगा गणतंत्र हमारा.

सकल जगत ने उसे दुलारा...

असुर और सुर

यहीं लड़े थे.

कौरव-पांडव

यहीं अडे थे.

आतंकी मृत

यहीं पड़े थे.

दुश्मन के शव

यहीं गडे थे.

जिसने शिव को अंगीकारा.

उसी शिवा ने रिपुदल मारा...

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7 टिप्‍पणियां:

  1. कभी हौंसल मत चुकने दो --- भाई वाह।

    हौंसला टूटे कभी न स्वप्न भी देखो नया।
    जिन्दगी है इक हकीकत जिन्दगानी और है।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. आचार्य जी !
    आपकी काव्य कला को नमन .
    आपने बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की है.
    वास्तव में आप काव्य विधा के संवाहक हैं.

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  3. AACHAARYA JI KO SAADAR PRANAAM,
    BAHOT HI KHUBSURAT GEET LIKHAA HAI AAPNE MOTIVATION FACTOR KI TARAH KAAM KAREGA YE... GEET BAHOT HI ACHHE LAGEE AAPKAA AABHAAR AUR AAPKO BADHAAYEE..


    ARSH

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  4. बहुत बहुत बहुत ही सुन्दर रचना.....
    आपकी रचनाएँ जहाँ एक ओर अपने सौन्दर्य रस में निमग्न कर लेती हैं,वहीँ दूसरी ओर अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रेरणाप्रद भी होती हैं....आपकी कलम को नमन...

    बड़ा ही आनंद आया पढ़कर..अतिसुन्दर अद्वितीय रचना...वाह !!!

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  5. धन्यवाद है सभी का
    जिनको भाया गीत.
    शब्द पखेरू संग उडें
    गीत गगन में मीत.

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