मुक्तिका
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आप को अपना बनाऊँ ये न मुमकिन हो सका.
गीत अपने सुर में गाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
आपके आने के सपना देखकर अँखियाँ थकीं.
काग बोले काऊँ-काऊँ ये न मुमकिन हो सका..
अपने घर में शेर, जा बाहर हुआ हूँ ढेर मैं.
जीत का छक्का उड़ाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
वायदे कर वोट पाये, और कुर्सी भी मिली.
वायदा अपना निभाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
बेटियों ने निभाया है फर्ज़ अपना इस तरह.
कर बिदा उनको भुलाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
जड़ सभी बीमारियों की एक ही पायी 'सलिल'.
पसीना हँसकर बहाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
लिख रहा लेकिन खुशी से 'सलिल' मैं मरहूम हूँ.
देख उनकी झलक पाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
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ये न मुमकिन हो सका
संजीव 'सलिल'*
आप को अपना बनाऊँ ये न मुमकिन हो सका.
गीत अपने सुर में गाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
आपके आने के सपना देखकर अँखियाँ थकीं.
काग बोले काऊँ-काऊँ ये न मुमकिन हो सका..
अपने घर में शेर, जा बाहर हुआ हूँ ढेर मैं.
जीत का छक्का उड़ाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
वायदे कर वोट पाये, और कुर्सी भी मिली.
वायदा अपना निभाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
बेटियों ने निभाया है फर्ज़ अपना इस तरह.
कर बिदा उनको भुलाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
जड़ सभी बीमारियों की एक ही पायी 'सलिल'.
पसीना हँसकर बहाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
लिख रहा लेकिन खुशी से 'सलिल' मैं मरहूम हूँ.
देख उनकी झलक पाऊँ ये न मुमकिन हो सका..
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