आव्हान गीत
आचार्य संजीव 'सलिल'
टूट जाओ मत झुकना साथी.
बीच राह मत रुकना साथी.
एक-एक जुड़ शत-सहस्त्र हो-
थककर कभी न चूकना साथी....
मंजिल अपनी पाना साथी.
राह भूल मत जाना साथी.
राष्ट्र जिंदगी है हम सबकी-
बन इसका दीवाना साथी...
बहुत सहा, मत सहना साथी.
मेहनत अपना गहना साथी.
ऐक्यभाव की नेह-नर्मदा-
बन तरंग संग बहना साथी....
दीपकवत जल जाना साथी.
मरकर जीवन पाना साथी.
युग आया अब करो-मरो का-
गूँजे यही तराना साथी....
सब को साथ उठाना साथी.
कोई नहीं बेगाना साथी.
कंकर-कंकर से शंकर रच-
भू पर स्वर्ग बसाना साथी...
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बहुत उत्साहवर्धक प्रेरक गीत, आचार्य जी. आनन्द आ गया.
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