tag:blogger.com,1999:blog-6458098795096673648.post7106691408041359534..comments2023-11-23T17:28:22.190+05:30Comments on गीत सलिला आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल': बाल गीत : ज़िंदगी के मानी - आचार्य संजीव वर्मा "सलिल"Unknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6458098795096673648.post-80177734290369866472011-01-07T21:56:54.819+05:302011-01-07T21:56:54.819+05:30आपकी सुन्दरतम रचना। क्योंकि यह वाक़ई ऐसा गीत है जो ...आपकी सुन्दरतम रचना। क्योंकि यह वाक़ई ऐसा गीत है जो बचपन में ले जाकर तमाम दुनियादारी से दो चार करवा रहा है। नर्मदे हर।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6458098795096673648.post-87846953860995747802011-01-04T17:40:45.754+05:302011-01-04T17:40:45.754+05:30यह केवल बाल गीत नहीं..सबके लिए है यह...
इस प्रेरक...यह केवल बाल गीत नहीं..सबके लिए है यह...<br /><br />इस प्रेरक सुन्दर गीत को बच्चों के पाठ्यपुस्तक में होना चाहिए...<br /><br />मेरा वश चले तो सबसे रोज यह गवाऊं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6458098795096673648.post-80415745212687526482011-01-02T09:14:42.039+05:302011-01-02T09:14:42.039+05:30सलिल जी आपने जो बात आज पद्य में कही है उसी के समान...सलिल जी आपने जो बात आज पद्य में कही है उसी के समान कुछ भाव मैंने कल गद्य में अपनी पोस्ट में लिखे हैं। समय मिले तो उसे देखें। आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com